अफ़ीम की खेती कर रहा था हरियाणा का ये किसान, सरसों की आड़ में लगाए थे 472 पौधे

हरियाणा के फतेहाबाद जिले में अब नशा तस्करी के साथ-साथ नशे की खेती भी होने लगी है। ताजा मामला फतेहाबाद के गांव बीघड़ से सामने आया है। यहां एक किसान ने सरसों के खेत मे प्रतिबंधित (खसखस) अफ़ीम की खेती की हुई थी, पुलिस को सूचना मिली तो मामला सामने आया।

जानकारी के अनुसार फतेहाबाद शहर के साथ लगते गांव बीघड़ किसान के किसान रमेश ने अपने खेत में सरसों की फसल के बीच प्रतिबंधित (खसखस) अफीम की खेती की हुई थी, पुलिस को मामले इस बारे में गुप्त सूचना मिली तो पुलिस हरकत मे आई और खेत मे दबिश दी। बताया जा रहा कि जब पुलिस ने खेत मे सर्च किया तो वहां सरसो की फसल के बीच खसखस यानि अफीम के अनेक पौधे दिखाई दिए, जिन पर फूल और फल लगे हुए थे। पुलिस के अनुसार इन पौधों की संख्या 472 थी जिन्हें पुलिस ने काटकर अपनी कस्टडी में ले लिया और आरोपी किसान को भी हिरासत में लेकर उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

प्रतिबंधित है अफ़ीम की खेती

खसखस की खेती पर प्रतिबंध है। हालांकि की खसखस का प्रयोग खाद्य पदार्थो के अलावा दवा के तौर पर किया जाता है मगर इस पौधे की जड़ से लेकर इसमें से निकलने वाले तरल का प्रयोग नशीले पदार्थ बनाने में होता है। इस पौधे पर लगे कच्चे फल से जो तरल निकलता है उससे अफीम बनती है, जड़, तना, पत्ते इन सब से डोडा चूरा पोस्त बनता है। वहीं फल फकने के बाद प्राप्त बीज़ से खसखस तैयार होती है, जो बाजार में काफी ऊंचे दामों पर मिलती है।

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