हरियाणा के 1490 पूर्व सरपंचों ने लॉकडाउन की आड़ में किया जमकर गोलमाल, विजिलेंस ने तेज की जांच

हरियाणा की ग्राम पंचायत संस्थाओं में पिछले 5 से 7 साल खूब गड़बड़ी चली है। हरियाणा के 1490 पूर्व सरपंचों के खिलाफ विकास एवं पंचायत विभाग में गबन और गड़बड़ी की जांच चल रही है। करोड़ों रुपये के गबन मामले की जांच विभाग की विजिलेंस विंग कर रही है। आरोप है कि इन गबन के मामलों में पंचायती राज संस्थाओं के निचले स्तर से लेकर अन्य अधिकारी भी संलिप्त हैं। अब विजिलेंस विंग ने अपनी जांच तेज कर ही है और पूर्व सरपंचों के पसीने छूटने लगे हैं।

हरियाणा के 1490 पूर्व सरपंचों पर ये हैं आरोप

पूर्व ग्राम पंचायतों पर आरोप हैं कि उन्होंने निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग किया और राशि का गबन किया। इसके अलावा, चेहतों को ग्राम पंचायतों की जमीनों पर कब्जे कराने, बिना काम किए ही राशि का गबन करने समेत अन्य आरोप हैं। कई शिकायतों में अधिकारियों के नामों की भी जिक्र है क्योंकि अकेले सरपंच या पंचायत गबन नहीं कर सकती। निमार्ण कार्यों की गुणवत्ता समेत अन्य कार्यों को जांचने की जिम्मेदारी जेई और पंचायती राज अधिकारियों की है। इसलिए ये अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।

विकास एवं पंचायत विभाग की विजिलेंस विंग के आंकड़ों के मुताबिक जिलेवार डाटा इस प्रकार हैं।

  • नूंह 162
  • करनाल 94
  • हिसार 84
  • झज्जर 80
  • जींद 84
  • रेवाड़ी 83
  • पलवल 82
  • पानीपत 82
  • कैथल 71
  • कुरुक्षेत्र 61
  • महेंद्रगढ़ 54
  • चरखीदादरी 76
  • यमुनानगर 71
  • अंबाला 64
  • फरीदाबाद 56
  • सिरसा 58
  • सोनीपत 52
  • फतेहाबाद 49
  • भिवानी 46
  • रोहतक 40
  • गुरुग्राम 27
  • पंचकूला 14
  • कुल 1490

हरियाणा सरकार पंचायतों में पारदर्शिता लाने और विकास कार्यों में गुणवत्ता लाने के लिए ई-टेंडरिंग पॉलिसी लेकर आई है। इससे सरपंच विकास कार्यों की निगरानी कर सकेंगे और हर कार्य के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। सरपंचों को ई टेंडरिंग को अपनाना चाहिए। जहां तक पुरानी जांचों की बात हैं, इनकी जांच कराए जा रही है, इसमें जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

देवेंद्र बबली, विकास एवं पंचायत मंत्री।

Join us on Facebook

Amann M Singh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *