कोसली विधानसभा: युवा एवं नए चेहरों के प्रति बढ़ रहा है जनता का विश्वास

न्यूज़ डेस्क: कोसली विधानसभा अहिरवाल की सबसे अहम सीट बन गई है। रोहतक लोकसभा सीट में भी इस सीट का दबदबा रहा है। कोसली विधनसभा परिवारवाद की राजनीति का केंद्र रहा है। 2009 के चुनावों से पहले परिसीमन के बाद बनी इस विधानसभा सीट का महत्व और बढ़ गया है।

हालंकि चुनाव अभी थोड़े दुर है लेकीन हल्के में दिग्गज नेताओं ने अपनी सक्रियता पहले से ही बड़ा दी है। वजह है युवा चेहरों का राजनीति में सक्रिय होना। कोसली हल्के से युवा चेहरे अमन एम सिंह (डहीना) का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। व्यक्तिगत और परिवारवाद के सहारे खड़े नेताओं को वोटबैंक खिसकता दिखाई दे रहा है। इसीलिए पूराने दिग्गजो ने अभी से जनता में हाज़िरी लगाना शुरू कर दिया है।

पिछले चुनाव में भाजपा की टिकट पर लक्ष्मण सिंह यादव विधानसभा पहुंचे थे। उन्होने कांग्रेस के दिग्गज नेता यादवेंद्र सिंह को हराया था। लेकीन उम्मीद के बावजूद मंत्रीपद हासिल नहीं कर पाए। इस बार उनके लिए टिकट दोबारा लेना बड़ी चुनौती लग रही है। उनकी पार्टी के ही पूर्व विधायक बिक्रम ठेकेदार और जगदीश यादव टिकट की जुगत लगाए हुए है।

बात करे युवाओं की तो 2014 के चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी विजय भुरथला ने 16.5 हजार वोट लेकर सबको चौंका दिया था। वहीं पिछले चुनावों में नई नवेली JJP पार्टी की टिकट पर रामफल ने 16 हजार वोट लेकर युवाओं की ताकत दिखा दी थी।

कोसली हल्के में युवा और नए चेहरे अमन एम सिंह की एंट्री ने माहौल बना दिया है। बिना किसी शोरगुल के इस युवा चेहरे ने अपनी सक्रियता कोसली विधानसभा में बढ़ा दी है। कई गांवों में अमन की युवा सेना तैयार हो चुकी हैं जो आने वाले चुनावों में अहम योगदान दे सकते हैं।

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