श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी की तर्ज पर हरियाणा के 10 जिलों में इनोवेटिव स्किल स्कूल खोले जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को सीएम मनोहर लाल ने भी अपनी सहमति दे दी है। यह निर्णय केजी टू पीजी कौशल प्रशिक्षण मॉडल और नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों के मद्देनजर लिया गया है। श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी इन स्कूलों का संचालन करेगी।

सीएम ने सभी जिलों में स्कूल-व्यापी कौशल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केजी टू पीजी कौशल शिक्षा मॉडल को लागू करने के निर्देश दिए। इस योजना के माध्यम से नई शिक्षा नीति के अनुसार केजी टू पीजी तक कौशल शिक्षा का लक्ष्य हासिल करना संभव है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा तैयार मॉडल को विद्यालयों में कौशल शिक्षा के क्रियान्वयन में क्रियान्वित किया जायेगा।
केजी टू पीजी मॉडल से ड्रॉपआउट की समस्या कम होगी
स्कूली स्तर पर कौशल शिक्षा की शुरुआत से एक साथ कई लक्ष्य हासिल किए जा सकेंगे। इससे न केवल ड्रॉपआउट में कमी आएगी बल्कि सकल शिक्षा दर (GER) में भी वृद्धि होगी। साथ ही, उद्योग के पास योग्य मानव संसाधन होंगे, जो गुणवत्ता और उत्पाद बढ़ाने के लिए उपयोगी होंगे। पाठ्यक्रम नई 2020 शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किया गया है।
रोजगार के नए द्वार खुलेंगे
स्किल इनोवेटिव स्कूल खुलने के बाद रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। इस प्रकार स्कूली शिक्षा के दौरान विद्यार्थी कौशल के प्रति आकर्षित होंगे और उच्च शिक्षा में भी कौशल एवं व्यावसायिक शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ेगा। स्किल सेट में आईटी, ऑटोमोटिव, एग्रीकल्चर और टेक्सटाइल डिजाइन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्यूटी एंड वेलनेस, डिजाइन क्रिएशन जैसे विषय शामिल हैं।
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