हरियाणा की मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला गठबंधन सरकार ने धान की रोपाई को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार हरियाणा ने 7 जिलों में पट्टे पर जमीन लेकर धान लगाने वाले किसानों पर रोक लगाने की तैयारी कर ली है। इन जिलों में करनाल, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर व सोनीपत जिला शामिल है। बताया गया है कि यह फैसला गिरते जलस्तर के चलते लिया गया है।
विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव द्वारा इन 7 जिलों के उपायुक्तों, डीडीपीओ तथा बीडीपीओ के नाम एक पत्र जारी किया गया है। कहा गया है कि हरियाणा के उपरोक्त सात जिलों के आठ ब्लाकों में पट्टे पर जमीन लेकर धान की पैदावार पर रोक लगा दी है। फील्ड अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अपने-अपने क्षेत्र का दौरा करके यह तय करें कि किसान धान की पैदावार न करें।
हरियाणा सरकार ने करनाल जिला के असंध ब्लाक, कैथल जिला के पुंडरी, जींद के नरवाना, कुरूक्षेत्र के थानेसर, अंबाला जिला के अंबाला व साहा, यमुनानगर जिला के रादौर तथा सोनीपत जिला के गन्नौर ब्लाक को संवेदनशील घोषित किया है। मानना है कि अगर यह आदेश सफ़ल रहा तो गिरते जलस्तर में कुछ हद तक रोक लगेगी।

आपको बता दें पिछले सीजन में भी सरकार ने धान की बुआई कम करने को कहा था। सरकार ने सख्ताई भी बहुत की लेकिन जमीनी स्तर पर असर नहीं हुआ। उल्टा सरकार को विरोध का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब देखना होगा इस बार सरकार के मंसूबे कहा तक सफल होते है।
[…] 35 मीटर से नीचे है, वहां पंचायती जमीन पर धान की खेती की अनुमति नहीं मिलेगी। इसमें पेहवा, […]