क्या अगले महीने है कोसली विधानसभा में चुनाव ?

News Desk: हरियाणा के रेवाड़ी जिले में स्थित एक विधान सभा क्षेत्र “कोसली”, जो कि रोहतक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। कोसली विधानसभा हरियाणा की सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र में से एक है जिसके अन्तर्गत लगभग 138 गाँव आते हैं। कहने को तो “कोसली” भी एक आम विधान सभा क्षेत्र जैसा ही है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से यहां के विधायक हैं लेकिन लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों एवं हरियाणा की राजनीति खासकर अहिरवाल की राजनीति में रूचि रखने वाले लोगों के लिए यह क्षेत्र हमेशा से चर्चा का विषय रहा है।

विधान सभा चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों का सक्रीय रहना एक आम बात है। जैसे ही चुनाव की घण्टी बजती है, राजनीति से जुड़े लोगों का आवागमन बढ़ने लगता है या चुनाव होने से दो या तीन महीने पहले पार्टियां या उनसे जुड़े लोग गाँव -गाँव घूमकर चुनावी माहौल बनाते हुए लोगों में उठ बैठकर लोगों के मिजाज का जायजा लेते है। लेकिन आजकल माहौल कुछ अजीब सा हो रखा है। जो राजनीतिक पार्टियां या परिवारवादी राजनीति को बढ़ाते हुए नेता चुनाव से कुछ माह पहले ही गाँव की तरफ झांकते थे वो लगभग 2 साल पहले ही गाँव में दस्तक देने लगे हैं।

आखिरकार ऐसा क्या कारण है जो “कोसली विधानसभा” में राजनीतिक पार्टियों एवं नेताओं की सरगर्मी अचानक से बढ़ गई है।

हमने इसकी जांच पड़ताल की तो पता चला कि पिछले कुछ दिनों से कोसली विधानसभा में जो गहमा गहमी चुनावी माहौल में देखने को मिलती थी वही आज कल देखने को मिल रही है। कुछ ग्रामीणों से पता करने पर उन्होंने बताया कि अभी चुनाव तो बहुत दूर हैं लेकिन गावं में सत्ताधारी पार्टी के अलावा और भी कई राजनीतिक पार्टियां अभी से चक्कर लगा रही हैं मानो उनको किसी और पार्टी के प्रत्याशी के चुनावी मैदान में उतरने का अंदेशा सा हो गया है।

गाँव वालों से आगे बात करने पर कुछ सरकार के काम से संतुष्ट और हमेशा की तरह कुछ असंतुष्ट नज़र आये। कुछ लोग सरकार की आलोचना और वही कुछ अच्छे कामों की प्रसंशा भी करते नज़र आये। वही ग्रामीणों के कुछ समूह आपस में बँटे हुए से नज़र आये जैसे कि कुछ का मानना था कि परंपरागत एवं परिवारवादी राजनीति के अलावा नव युवाओं एवं नए चेहरों को भी चुनावी मैदान में आने का अवसर दिया जाना चाहिए जबकि नव युवा प्रतिभशाली होते हुए भी परिवारवादी राजनीति के कारण आगे ही नहीं बढ़ पाते हैं जिससे विकास और नई सोच को अमल में लाने का सपना बस एक सपना बनकर ही रह जाता है। बदलाव के लिए परिवारवादी राजनीति को बदलने की अब सख्त जरूरत है।

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इसी बीच गाँव के कुछ लोगों से अमन एम सिंह नाम के एक युवा की चर्चा सुनी जब हमने आगे जानना चाहा कि परिवारवादी राजनीति को बदलने के लिए यह युवा आगामी चुनावी मैदान में उतर रहा हैं? तो पता चला कि अमन एम सिंह बिना किसी शोर शराबें के गाँवो में युवाओं की टीम बनाता चला जा रहा है। इलेक्शन मैनेजमेंट में माहिर यह युवा अलग ही स्ट्रेटेजीज के साथ चुप चाप मैदान में लगा हुआ है।

गाँव की इन्ही आंतरिक बातों की चर्चा लोगों से राजनीतिक पार्टियों एवं नेताओं के बीच पहुंची और सभी उठ खड़े हुए कि कहीं इस युवा की वजह से युवाओं का वोट बैंक ना खिसक जाए? यही कारण है कि आजकल “कोसली” में चुनाव से पहले ही नेताओं का आना जाना लगा हुआ है। एक अजीब सी हलचल और कशमकश बनी हुई है। अब ये देखना बड़ा ही रोमांचक होगा की जिस अमन एम सिंह नाम के युवा से सभी राजनीतिक पार्टियां या उनसे जुड़े लोग हरकत में आ गए हैं वो आगामी चुनाव में किस पार्टी से मैदान में उतरेगा या फिर कहानी में कुछ अलग ही मोड़ आयेगा।

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