चंडीगढ़: हरियाणा में ई-टेंडरिंग (Haryana E-Tendering) पर मुख्यमंत्री और सरपंचों के बीच 5 घंटे मीटिंग चली। शाम 6 बजे शुरू हुआ बातचीत का दौर रात लगभग सवा 11 बजे तक चलता रहा। इस दौरान दो दौर की सीएम के साथ सरपंचों की मीटिंग हुई, लेकिन इसके बाद भी बात नहीं बन पाई। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरपंचों के साथ बढ़िया बातचीत हुई है। फिर से चर्चा होगी, संभवत: आज सब ठीक हो जाएगा।
Haryana E-Tendering पर रात 11.15 बजे तक चली बैठक
हरियाणा निवास में शाम छह बजे से रात करीब सवा 11 बजे तक चली बैठकों के दो दौर के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारी संतुष्ट नजर आए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 5 घंटे चली वार्ता सही दिशा में रही है। अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई है। शुक्रवार सुबह दोनों पक्षों में एक बार फिर बैठक होगी और उम्मीद है कि 10 मिनट में ही कोई खुशखबरी मिल जाएगी।
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सरपंचों ने रखी 16 मांगें
- 73वें संशोधन की 12वीं सूची के 29 अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए।
- ई टेंडरिंग प्रणाली का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन इसकी लिमिट 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाए।
- ग्राम पंचायतों में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंच को दिया जाए या वह कर्मचारी सरपंच के अधीन किया जाए।
- गांव में कराए जाने वाले विकास कार्यों में कमी पाए जाने पर कार्यवाही संबंधित अधिकारी के खिलाफ की जाए ना कि सरपंच के खिलाफ क्योंकि सरपंच टेक्निकल नहीं होता।
- टोल टैक्स सरपंच के लिए माफ होना चाहिए।
- ग्राम पंचायत की जमीन की रजिस्ट्री का 1% पैसा पंचायत खाते में दिया जाए।
- ग्राम पंचायतों में घरेलू बिजली के बिलों का 2% पैसा पंचायत खाते में दिया जाए।
- ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा करवाए जाने वाले सभी कार्यों में गुणवत्ता कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र सरपंच से लेना अनिवार्य किया जाए व सभी कार्यों में सरपंच की भूमिका होनी चाहिए।
- सरपंचों का वेतन 3 हजार है इससे बड़ा कर 30 हजार किया जाए और पंचों का वेतन एक हजार रुपए से 5000 किया जाए।
- राइट टू रिकॉल कानून पहले विधायक व सांसदों पर लागू किया जाए उसके बाद स्थानीय निकाय संस्था पर लागू किया जाए।
- पंचायत सचिवालय में कॉमन सर्विस सेंटर में ऑपरेटर अलग से स्थापित किए जाएं ताकि आमजन को सुविधा का लाभ मिल सके।
- पूर्व सरपंच की पेंशन अब रुपए 1 हजार है, उसे बढ़ाया जाए।
- मनरेगा की पेमेंट 3 महीने के अंदर अंदर होने चाहिए तथा इसको ब्लॉक लेवल पर किया जाए और उसकी दैनिक मजदूरी अब 321 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए की जाए ओर मनरेगा की ऑनलाइन हाजरी बंद की जाए क्योंकि कई बार बाहर गांव में इंटरनेट काम नहीं कर रहा होता और वह गैर हाजिर हो जाते हैं।
- आंदोलन के दौरान जो भी केस किए गए हैं वह वापस लिया जाए।
- गांव के अंदर पंचायत जमीन पर जो नाजायज कब्जा कर रखा है उसको तुरंत प्रभाव से हटाया जाए, जिससे पंचायत की आमदन ई-मेल इजाफा हो।
- पी आर आई की बाकी बकाया राशि पंचायतों में जारी हो।
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