Ram Rahim के बचाव में आई हरियाणा सरकार, कहा वो कोई कट्टर अपराधी नहीं, उसे सीरियल किलर कहना भी गलत

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Ram Rahim) हार्डकोर क्रिमिनल नहीं है और हत्या के दो अलग-अलग मामलों में उसकी सजा को सीरियल किलिंग नहीं कहा जा सकता है। गुरमीत हमलावर नहीं था और उसने दोनों मामलों में वास्तविक हत्याओं को अंजाम नहीं दिया था। ये कहना और मानना है हरियाणा सरकार का। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की परोल के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका के जवाब में सरकार की तरफ से यह बातें लिखी गई हैं।

हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को जवाब में लिखा, ‘उन्हें इन हत्याओं में सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया गया है। उसे आईपीसी की धारा 120-बी की मदद से ही आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा दी गई है। धारा 120-बी के तहत आरोप स्वतंत्र रूप से तय किए जाते हैं और सजा के मामले में सजा को वास्तविक अपराध के साथ पढ़ा जाना चाहिए।’ सरकार ने एक और तर्क यह भी दिया है कि दोनों हत्याओं में गुरमीत हमलावर साबित नहीं हुआ था।

रेप और हत्या के मामलों में सजायाफ्ता है Ram Rahim

गुरमीत (Ram Rahim) वर्तमान में बलात्कार के दो मामलों में 10-10 साल की सजा और पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह और पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के दो अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वह चार और आपराधिक मामलों का भी सामना कर रहे हैं, जिनमें एक सीबीआई मामला अपने शिष्यों के बधियाकरण से संबंधित है और पंजाब में बेअदबी के तीन अन्य मामले हैं।

सुनारिया जेल अधीक्षक के जरिए सरकार ने दिया जवाब

हरियाणा सरकार के 21 जनवरी के आदेशों को चुनौती देते हुए एसजीपीसी ने याचिका दायर की थी। याचिका के जवाब में सुनील सांगवान, अधीक्षक सुनारिया जेल रोहतक के जरिए राज्य सरकार ने जवाब दाखिल किया है। जेल अधीक्षक ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय ने 7 अप्रैल, 2022 के अपने आदेश में डेरा प्रमुख को फरलो पर अस्थायी रिहाई देने के आदेश को पहले ही बरकरार रखा था।

Amann M Singh

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