हरियाणा के सरपंचों को ई-टेंडरिंग के विरोध के बीच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से झटका लगा है। HC ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ई-टेंडरिंग पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार, ग्रामीण विकास, पंचायत विभाग के वित्त आयुक्त व अन्य को नोटिस देकर जवाब मांगा है।
बता दें हरियाणा में ई-टेंडरिंग के जरिए होने वाले विकास कार्य के खिलाफ राज्य की पंचायतों ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाली हुई है।
ई-टेंडरिंग के खिलाफ दी ये दलील हरियाणा के सरपंचों ने
सरपंचों ने याचिका में कहा है कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया लंबी और जटिल है। इस प्रक्रिया में एक साल से अधिक का समय बीत जाता है। याचिका में कहा गया है कि भाजपा सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान 2015 में भी ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन हाईकोर्ट में चुनौती देने के बाद सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया था।
विरोध पर सीएम मनोहर लाल ने अपना रुख स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायत के अधिकार घटाए नहीं बल्कि बढ़ाए हैं। पंच-सरपंचों को सुशासन का पालन करना होगा। उन्होने स्पष्ट किया कि ई टेंडर की प्रक्रिया से काम होगा। इसके लिए सरकार हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
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