हांसी-महम-रोहतक रेल लाइन बनने का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के साढ़े पांच साल पुराने फैसले को पलटा

हरियाणा के हिसार में हांसी-महम-रोहतक रेल लाइन के लिए अधिग्रहित की गई जमीन में से सोरखी गांव की करीब 500 मीटर की जमीन के अधिग्रहण को गलत बताने वाले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के करीब साढ़े पांच साल पुराने फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है। सरकार की अपील स्टेट ऑफ हरियाणा एंड अदर्स के खिलाफ कृष्ण कुमार एंड अदर्स को मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के निर्णय को खारिज कर दिया है।

इससे पहले पांच सितंबर 2017 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार ने जमीन अधिग्रहण एक्ट 1894 की धारा चार के तहत 20 दिसंबर, 2013 को अधिसूचना जारी की। इसके बाद 26 जून, 2014 को धारा छह के तहत अधिसूचना जारी की। इस दौरान एक जनवरी, 2014 को सरकार ने जमीन अधिग्रहण का नया एक्ट लागू कर दिया। इसलिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना लैप्स हो गई है।

बता दें कि 68.5 किलोमीटर लंबी इस रेललाइन पर 1500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। 31 जुलाई 2013 को केंद्रीय रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में इसकी आधारशिला रखी थी। रेलवे ने 143 करोड़ रुपये मंजूर किए थे और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

हांसी-महम-रोहतक रेल लाइन का 98 फिसिद काम हो चुका है पूरा

रेलवे ट्रैक बिछाने का काम 2017 में शुरू हुआ था। जिसके लिए जून 2019 तक का समय तय किया गया था। भूमि अधिग्रहण नहीं होने से रेलवे ट्रैक का काम पूरा नहीं हो पाया। हालांकि ट्रैक बिछाने का 98 फीसदी काम कर लिया गया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से हिसार-रोहतक सीधी रेल लाइन से आपस में जुड़ जाएंगे। रोहतक-महम-हांसी के बीच बिछाए जा रहे रेलवे ट्रैक पर पांच क्रॉसिंग स्टेशन मोखरा, मदीना, महम, मुंढाल और गढ़ी बनाए हैं। बहुअकबरपुर, खरकड़ा, बलंभा, सोरखी में हॉल्ट स्टेशन होंगे।

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Amann M Singh

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