कोरोना का डर: गुरुग्राम में महिला ने 11 साल के बेटे के साथ खुद को किया कैद, 3 साल बाद दरवाजा तोड़कर निकाला गया बाहर

हरियाणा के गुरुग्राम में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. कोरोना का डर से एक 33 वर्षीय महिला ने अपने 11 साल के बेटे साथ खुद को किराये के घर में तीन वर्ष तक खुद को ‘कैद’ रखा. जानकारी के अनुसार पति उन्हें जरूरत का सामान उपलब्ध कराता रहा, लेकिन महिला ने उसे घर में एंट्री नहीं दी. महिला की पहचान मुनमुन माझी के रूप में हुई है. मंगलवार को स्वास्थ्य और बाल कल्याण विकास अधिकारियों की एक टीम ने पति की शिकायत पर महिला और उसके 11 साल के बच्चे को घर से बाहर निकाला है.

महिला के पति का नाम सुजान माझी है, वह पेशे से एक इंजीनियर हैं. बता दें 2020 में जब सरकार ने पहले लॉकडाउन के बाद सरकार ने प्रतिबंधों में ढील थी, तभी महिला का पति बाहर काम करने गया था. जब वह घर लौटा तो महिला ने उसे घर में एंट्री नहीं दी. जिसके बाद सुजान ने उसी इलाके में एक घर किराए पर ले लिया.

कोरोना का डर: पति को घर में नहीं घुसने नहीं दिया

बता दें शिकायत मिलने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर से दोनों को रेस्क्यू किया. दोनों को अस्पताल में भर्ती करा दिया है. जानकारी के अनुसार में अस्पताल में मनोचिकित्सकों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है. महिला के पति ने बताया कि उसने कई बार अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश की, लेकिन उसकी पत्नी इस बात को नहीं समझ रही थी. पति ने बताया कि दिमागी संतुलन इस कदर खराब हो गया कि उसने घर में मेरी भी एंट्री बंद कर दी.

महिला को कुछ मनोवैज्ञानिक समस्याएं हैं. दोनों को पीजीआई, रोहतक रेफर किया गया है, जहां उन्हें इलाज के लिए मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया है. वहीं मामले में एएसआई प्रवीण कुमार ने कहा कि शुरु में हमें सुजान की बातों पर विश्वास नहीं हुआ था. उसने जब बेटे से वीडियो कॉल पर मेरी बात कराई तब मैंने मामले में दखल दिया.

सिविल सर्जन गुरुग्राम, डॉक्टर वीरेंद्र यादव

बच्चे ने तीन साल से सूरज नहीं देखा

जिस घर में महिला रह रही थी, उसमें इतनी गंदगी और कचरा जमा हो गया था कि अगर कोई कुछ दिन और बीतते तो कुछ अनहोनी भी हो सकती थी. उन्होंने कहा कि महिला के बेटे ने पिछले तीन सालों से सूरज नहीं देखा था. यहां तक कि इस महिला ने इन तीन वर्षों के दौरान कोविड के डर से रसोई गैस और स्टोर किए गए पानी का इस्तेमाल भी नहीं किया.

Amann M Singh

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