हरियाणा में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल चुनाव ना होने तक बढ़ा दिया गया है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट किया है कि जब तक आगामी पंचायत चुनाव नहीं होते तब तक पुरानी ग्राम पंचायते ही काम करती रहेगी। सरपंचो के काम-काज में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।
उप मुख्यमंत्री, जिनके पास विकास एवं पंचायत विभाग का कार्यभार भी है, ने कार्यों में ई-टेंडरिंग को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया है कि विभाग की ओर से इस प्रकार के कोई आदेश नहीं हैं।
पंचायत की 5 साल की अवधि चुनाव के बाद होगी शुरू
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि संशोधित पंचायती राज अनिधियम, 2020 के तहत प्रदेश में ग्राम पंचायतों की पांच वर्ष की अवधि उस दिन से शुरू होगी जिस दिन नई चुनी गई नई पंचायत के गठन की अधिसूचना प्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की जाएगी। यानी की सरपंच-पंच सहित पू उस दिन तक काम करती रहेंगी जब तक कि आगामी ग्राम पंचायतों के चुनाव की घोषणा नहीं हो जाती।
जनवरी-फ़रवरी में होंगे चुनाव
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के गठन की अधिसूचना की तिथि से लेकर पांच वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले न तो सरपंचों से कार्यभार वापिस नहीं लिया जाएगा और न ही पंचायते भंग होंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते प्रदेश में फिलहाल ग्राम पंचायतों के चुनाव करवाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि यदि हरियाणा में कोरोना पर काबू पा लिया जाता है तो ग्राम पंचायतों के चुनाव पांच वर्ष की समय अवधि पूरी होने पर आगामी वर्ष 2021 के जनवरी-फरवरी में ही करवाए जाएंगे।
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