भाजपा-कांग्रेस या जेजेपी, किसके पाले में जाएगा रेवाड़ी का उभरता चेहरा अमन एम सिंह

न्यूज़ डेस्क (19 फ़रवरी): हरियाणा के चुनावों में दक्षिण हरियाणा की राजनीति हमेशा अहम रही है। दक्षिण हरियाणा में जहां सताधारी भाजपा पर विधानसभा सीटें बचाने का दवाब है तो वहीं कांग्रेस और जजपा भी जमीन तलाश रही हैं। पिछले चुनावों को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी का वोटबैंक सिमट रहा है। कांग्रेस पुरजोर तरीके से वापसी की कोशिश कर रही हैं तो वहीं जेजीपी भी रेवाड़ी सहित दक्षिण हरियाणा में अपनी गतिविधियां बढ़ा रही है। ऐसे में सभी पार्टियां यहां नए चेहरे की तलाश हैं ख़ासकर भाजपा और जेजेपी को नए चेहरों की सख्त दकरार हैं। पार्टियां नए और युवा चेहरों को साथ लेकर युवाओं और परंपरागत वोटबैंक को साधने की कोशिश कर सकती है।

इसी बीच दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक युवा चेहरे अमन (Amann M Singh) ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। अमन सिंह की पहचान पिछले 7 सालों में पर्दे के पीछे रहकर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश राज्यों में हुए चुनावों में इलेक्शन मैनेजमेंट के तौर पर लगभग सभी राजनीतिक पार्टी एवं बड़े असरदार नेताओं को चुनाव जीताने में एक सफल रणनीतिकार के तौर पर रही है।

ज़िले की परिवारवाद और परम्परागत राजनीति में तेजी से होते बिखराव ने ऐसे युवाओं के लिए मजबूत जमीन तैयार कर दी है जो पूरी प्रबंधन नीति और विकास के शानदार विजन के साथ मैदान में उतरने जा रहे हैं।

जिला रेवाड़ी के सबसे बड़े गांव डहीना के 37 वर्षीय अमन एम सिंह पिछले चार – पांच माह के दौरान हुए पंचायती राज चुनाव व अन्य राजनीति गतिविधियों में अपनी अलग कार्यप्रणाली के चलते अच्छी खासी सुर्खियां बटोर रहे हैं। कहने को अमन एम सिंह क्षेत्र की राजनीति में उभरता नया चेहरा है लेकिन पिछले उसके 7 साल की यात्रा पर गौर करें तो यह युवा 2014 से आज तक महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश राज्यों में हुए चुनावों में इलेक्शन मैनेजमेंट के तौर पर लगभग सभी राजनीतिक पार्टी एवं बड़े असरदार नेताओं को चुनाव जीताने में अपनी रणनीति में काफी हद तक कामयाब रहा है।

पांच माह पहले तक इस युवा की जिले में कोई विशेष पहचान नहीं थी। बस गांव डहीना निवासी दादा जयपाल के भतीजे के तौर पर सीमित लोग ही जानते थे। इसकी वजह भी स्पष्ट है। अमन अभी तक राजनीति में पर्दे के पीछे रहकर अपनी जिम्मेदारी को निभाते रहे हैं। पिछले एक माह के दरम्यान उसने अब यह पर्दा हटा दिया है। अमन सिंह के पिता श्रीमनपाल सिंह सेक्शन ऑफिसर के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। माता अस्मिता 2016 में गांव डहीना में सरपंच चुनाव में महज 100 से भी कम वोटों से पीछे रह गयी थीं। अमन का छोटा भाई आईटी कंपनी में और पत्नी हीना टूरिज्म का बिजनेस संभल रही हैं। कुछ माह पहले हुए पंचायती चुनाव में अमन ने अपने ताऊ जयपाल सिंह के जिला पार्षद चुनाव को महज कुछ दिनों में सबसे हॉट बनाकर जिला प्रमुख के समीकरणों को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था। जिसके चले यह युवा चर्चा में आ गया।

आस पास गावों के युवाओं ने अमन (Amann M Singh) को सार्वजानिक तौर पर राजनीति में आने का दबाब बनाना शुरू कर दिया। अमन को लगा अब सही समय आ गया है। सबसे पहले उसने नवकिरण महासंघ संगठन बनाया जिसमे तेजी से जिले के गावों एवं शहर के युवाओं की फ़ौज जुड़ती जा रही है।

अमन एम सिंह अभी तक राजनीतिक पार्टियों और प्रत्याशियों के लिए चुनाव जीतने की रणनीति बनाकर उन्हें जमीनी स्तर पर मजबूत करते रहे हैं। इलेक्शन या पालिटिक्स मैनेजमेंट में बूथ मैनेजमेंट, पी आर, ग्राउंड रिसर्च, कम्युनिकेशन, इवेंट्स मैनेजमेंट, डॉक्युमेंटेशन, मीडिया मैनेजमेंट, सोशल मीडिया और आउटरीच आदि प्रोग्राम्स का मैनेजमेंट करना इनकी विशेषता रही हैं।

ये देखना अब बड़ा ही दिलचस्प होगा कि यह युवा राजनीति के इस मैदान में भाजपा, कांग्रेस, जेजेपी या किसी अन्य पार्टी के साथ मिलकर अपनी शुरुआत करेगा या फिर अलग इरादों के साथ।

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Amann M Singh

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