Wheat value cut: कल ही केंद्र सरकार ने हरियाणा में बारिश-ओलावृष्टि से खराब हुई गेहूं की फसल की खरीद में छूट की घोषणा की थी लेकीन एक नई शर्त से किसानों को झटका लगा है। केंद्र ने खराब गुणवत्ता वाले गेहूं के भुगतान करते समय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2175 रुपए प्रति क्विंटल में अधिकतम 32 रुपए वैल्यू कट लगाने को कहा है। केंद्र की इस शर्त को लेकर सीएम मनोहर लाल ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर राहत की मांग की है।
सीएम मनोहर लाल ने साथ ही ऐलान किया है कि जब तक वैल्यू कट पर केंद्र कोई फैसला नहीं लेता है तब तक राज्य सरकार किसानों को इसका भुगतान करेगी।
क्या है केंद्र का गेहूं वैल्यू कट फैसला?
केंद्र सरकार की गेहूं खरीद में छूट दिए जाने के बाद वैल्यू कट की शर्त के तहत पूर्ण साफ और सूखे गेहूं पर कोई कटौती नहीं की जाएगी। साथ ही 12% तक कोई कट नहीं लगेगा। इससे अधिक होने पर प्रति पॉइंट के हिसाब से कटौती की जाएगी। इसके साथ ही गेहूं की चमक 10% कम रहने पर भी कोई कटौती नहीं होगी। चमक में 10-80 प्रतिशत तक कम रहने पर 5.31 रुपए प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी। वहीं सूखे, टूटे दाने में 32 रुपए होगा वैल्यू कट होगा।
वैल्यू कट की ये है शर्त
- केंद्र की वैल्यू कट की शर्त के तहत 16 से 80 प्रतिशत तक फसल के दाने सूखे या टूटे होंगे तो एमएसपी में 31.87 रुपए प्रति क्विंटल की दर से कटौती की जाएगी।
- 6 से 8 प्रतिशत में 5.31 रुपए,
- 8 से 10 प्रतिशत पर 10.62 प्रतिशत,
- 10 से 12 प्रतिशत 15.93 प्रतिशत,
- 12 से 14 प्रतिशत 21.25 रुपए
- 14 से 16 प्रतिशत पर 26.56 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
केंद्र की शर्त पर विपक्षी पार्टी हुई हमलावर
केंद्र की इस शर्त को लेकर हरियाणा सरकार पर विपक्षी पार्टी हमलावर हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के साथ ही कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। हरियाणा के आप नेता अनुराग ढांडा ने कहा मोदी सरकार ने किसानों के साथ छल करने का काम किया है। संकट की घड़ी में किसानों से प्रति क्विंटल करीब 32 रुपए तक की कटौती अनैतिक है। पहले ही किसान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के नुकसान से उभरे नहीं हैं।
वहीं हरियाणा कांग्रेस ने भी इस फैसले को किसानों के हित में नहीं बताया है। तत्काल फैसला वापस लेने की मांग की है। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने इसका कड़ा विरोध किया है।

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