“कुत्ता भी जहां बैठता है पूछ मार कर बैठता है”: सफाई व्यवस्था की बदहाली पर पानीपत डीसी ने नगर निगम कर्मचारियों की लगाई क्लास

Panipat: पानीपत जिला उपायुक्त वीरेंद्र दहिया आज एक्शन मोड में नजर आए। जिला उपायुक्त ने आज सुबह ही नगर निगम कार्यालय पर रेड कर दी। नगर निगम कार्यालय की बदहाली को देखकर वो आग बबूला हो गए। जिला उपायुक्त ने नगर निगम कार्यालय के एक-एक कोने का निरीक्षण किया जबकि नगर निगम कार्यालय की दीवारों पर धूल चढ़ी थी।

अधिकारियों को सफाई करने के लिए दिया 1 हफ्ते का समय

जिला उपायुक्त ने कहा कि कुत्ता भी जहां बैठता है पूछ मार कर बैठता है। वहीं गुस्से से लाल जिला उपायुक्त ने नगर निगम कार्यालय की तुलना श्मशान घाट से कर दी। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने घर की सफाई नहीं कर सकते, वह शहर की क्या सफाई करेंगे। वीरेंद्र दहिया ने नगर निगम अधिकारियों को कार्यालय समेत पूरे शहर की सफाई करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है।

वहीं जिला विकास कार्यालय में अनावश्यक जल रही लाइट, पंखे व AC को खुद अपने हाथों से बंद किया और सख्त आदेश देते हुए कहा कि जो कर्मचारी एसी के लिए पात्र नहीं है। उनके कार्यालय से एसी हटा कर आम पब्लिक के लिए लगाया जाए।

नौकरी का कार्यकाल खत्म होने के बाद कुत्ता तक नहीं पूछता- उपायुक्त

वहीं कार्यालय में एक संदिग्ध पेटी को देखकर निगम तहसीलदार से पूछा कि इस पेटी में क्या है और इतनी गंदी अवस्था में क्यों है। तहसीलदार ने कहा कि उन्होंने दो दिन पहले ही कार्यालय ज्वाइन किया है। जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि बहानेबाजी मत कीजिए। अगर इस पेटी में बम हो तो आप क्या करेंगे। मैं आपसे पूछता हूं इस पेटी में क्या है, क्या आप बता सकते हैं। जिला उपायुक्त यहीं नहीं रुके।

उन्होंने तहसीलदार को हड़काते हुए कहा कि सरकार आपको वेतन देती है और नौकरी का कार्यकाल खत्म होने के बाद पेंशन देती है। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि नौकरी का कार्यकाल खत्म होने के बाद कुत्ता तक नहीं पूछता लेकिन आपको फिर से नौकरी पर रखा है लेकिन आप सरकार के प्रति लापरवाही कर रहे हैं।

तुरंत प्रभाव से कर्मचारियों को हटाने के दिए आदेश

जिला उपायुक्त एक के बाद एक हर शाखा में पहुंचे। वह आधार सेंटर पर पहुंचे जहां उन्होंने आधार कार्ड में एड्रेस चेंज करवाने के लिए महिला कर्मचारी को कहा तो उसने डीसी को पहचानने से इनकार कर दिया। बाद में जब उन्होने ID दिखाई तब भी वह कर्मचारी नहीं मानी। महिला कर्मचारी के व्यवहार और रवैया से भी जिला उपयुक्त नाखुश दिखे। उन्होंने कहा कि ऐसे एरोगेंट कर्मचारी कभी नहीं देखा, उन्हें ऐसे कर्मचारियों की जरूरत नहीं है और तुरंत प्रभाव से ऐसे कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया।