भूमि अधिग्रहण मामले में SC का आदेश, HSIIDC को 8 महीने में किसानों को देनी होगी 1200 करोड़ की मुआवजा राशि

रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा में तीन नए इंडस्ट्रीयल सेक्टर विकसित करने के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के हित में आदेश दिया है। SC ने साफ कहा है कि आधारभूत संरचना विकास निगम (HSIIDC) को किसानों की बढ़ी हुई मुआवजा राशि आठ सप्ताह में उनके खातों में जमा करवानी होगी।

बता दे किसानों का करीब 1200 करोड़ रुपये का मुआवजा है। इस मामले में किसानों ने पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ सुशील कुमार गर्ग की अदालत में भी एग्जीक्युशन पीटिशन दायर की हुई है।

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क्या है मामला

बता दे 3 इंडस्ट्रीयल सेक्टरों के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी। एचएसआइआइडीसी ने साल 2011 में धारूहेड़ा इंडस्ट्रीयल क्षेत्र के लिए सेक्टर 15,16 और 17 को विकसित करने के लिए मालपुरा, कापड़ीवास, घटाल, महेश्वरी सहित अन्य गांवों की 1814 कनाल 15 मरला जमीन का अधिग्रहण किया था।

अधिग्रहित जमीन के लिए 2013 में अवार्ड घोषित किया गया था। एचएसआइआइडीसी ने 40 से लेकर 50 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि निर्धारित की थी।

इस अवार्ड को लेकर को मालपुरा, कापड़ीवास, घटाल एवं अन्य अन्य गांवों के काफी किसानों ने साल 2016 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पीटिशन दायर करते हुए अवार्ड राशि को चुनौती दी थी।

जिला अदालत से संतुष्ट फ़ैसला ना होने के बाद किसानों ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने किसानों के पक्ष में फ़ैसला सुनाते हुए मुआवजा राशि देने का आदेश दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अंत में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे किसान

हाईकोर्ट की तरफ से बढ़ाई गई मुआवजा राशि दिलाए जाने की मांग को लेकर इन गांवों के काफी संख्या में किसान सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे। किसानों की याचिका को स्वीकार करते हुए ही अब SC ने एचएसआइआइडीसी को आठ महीने में किसानों की बढ़ी हुई मुआवजा राशि उनके खाते में जमा कराने के आदेश दिए हैं।