हरियाणा के इस गांव की चौपाल में आज़ादी के बाद पहली बार महिलाओं की एंट्री, गांव में महिला सरपंच फिर भी चौपाल में जाने की नहीं थी इजाजत

कलौदा खुर्द chopal: हरियाणा की रूढ़िवादी छवि पिछले कुछ सालों से कुछ साफ हुई है लेकीन अभी भी कई मामले सामने आ रहे हैं जिससे ये छवि फिर खराब होती दिखाई देती है। ताज़ा मामला सिरसा से है जहां एक गांव में महिलाओं की चौपाल में प्रवेश की सालों पुरानी रूढ़िवादी परंपरा को सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल ने तुड़वा दिया है। दरअसल, सांसद दुग्गल जींद जिले में नरवाना के गांव कलौदा खुर्द हो रहे एक कार्यक्रम में पहुंची थीं।

सांसद को खिड़की से सुन रही थी महिलाएं

जब सांसद लोगों को संबोधित कर रही थी तो कुछ महिलाएं खिड़की पर खड़ी होकर उनका भाषण सुनने लगीं। जब उन्होंने उन्हें अंदर आने को कहा तो ग्रामीणों ने कहा कि महिलाओं का चौपाल में आना वर्जित है और ये नियम आज़ादी के बाद से चला आ रहा है। इस पर सांसद ने हैरानी जताई।

Chopal tv
खिड़की से चौपाल में झांकती महिलाएं

गांव में सरपंच और ब्लॉक समिति मेंबर भी महिला

सांसद ने कहा कि आप लोगों ने मुझे क्यों प्रवेश करने दिया। तब ग्रामीणों ने कहा कि आप मेहमान हो। सांसद ने कहा कि अगली बार इस गांव के लिए महिला रिजर्व करवाना पड़ेगा, तब तो परंपरा टूटेगी। लेकिन वह हैरान रह गई जब उन्हें बताया गया कि गांव की सरपंच और ब्लॉक समिति मैंबर महिला ही है।

तब सांसद ने चौपाल की बाहर खड़ी महिलाओं को प्रवेश करवाया। उनके गले में हार डाले गए। महिलाओं ने भी प्रवेश करने पर चौपाल पर माथा टेका। इसके बाद वे सभी समारोह में शामिल हुईं। सांसद ने कहा कि मेरे कहने पर आप लोगों ने 75 साल पुरानी परंपरा तोड़ दी। इसलिए धन्यवाद करती हूं।