फतेहाबाद: जिले के भूना क्षेत्र के गांव ढाणी भोजराज पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए गांव की एक विधवा महिला को 15 साल तक ससुराल में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया है। फैसले के मुताबिक विधवा महिला 15 साल तक अपने ससुराल में नहीं आएगी और मायके में ही अपने माता-पिता के पास रहेगी।
हालांकि पीड़िता चाहती है कि वह अपने ससुराल में रहे और अपने बच्चों की परवरिश करे। पीड़िता के 2 बच्चे हैं। मामले के मुताबिक पीड़िता ने बताया कि उसके पति की मौत हो गई थी और मौत के लिए शुरुआती तौर पर उसे जिम्मेदार ठहराया गया था। लेकिन बाद में जांच पड़ताल में साफ हो गया कि पति की मौत को लेकर उस पर किया गया शक झूठा था।
इसके बाद ससुरालजनों ने प्रॉपर्टी को लेकर उसके साथ विवाद किया और बाद में पंचायती तौर पर फैसला हुआ कि विधवा महिला के पति के हिस्से की जमीन उसके बच्चों को दी जाएगी।
सरपंच ने कही ये बात
मामले में गांव के सरपंच ने बताया कि महिला का अपने ससुराल जनों से पति की मौत के बाद कुछ विवाद हो गया था जिसके बाद गांव में पंचायत हुई और पंचायती तौर पर यह फैसला हुआ कि मृतक व्यक्ति के बच्चों को उसके हिस्से की जमीन दी जाए। मृतक की पत्नी यहां अपने ससुराल में न रहकर अपने मायके में पिता के पास रहे।
पंचायत का फैसला गलत और कानून के खिलाफ
हालांकि इस तरह के फरमान जारी करने को लेकर जब खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में ग्राम पंचायत ने इस तरह का फैसला लिया है तो यह कानूनी रूप से जायज नहीं है।
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी महेंद्र सिंह नेहरा ने बताया कि ग्राम पंचायत के लेटर पैड पर लिखित तौर पर इस तरह का फैसला जारी किया है जो कि पूरी तरह से गलत है और कानून के खिलाफ है।
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने कहा कि मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी और उनके आदेशानुसार सरपंच व जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा यदि महिला अपने ससुराल में रहना चाहती है या अपनी मर्जी से जहां भी रहना चाहती है उसको लेकर पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है।