फरीदाबाद: इसे वन विभाग के अधिकारियों की सुस्ती कहे या मिलीभगत लेकिन अरावली वन क्षेत्र में लगातार अवैध फार्म हाउस बन रहे हैं। अब सूरजकुंड एरिया के अनंगपुर में वन विभाग की जमीन पर फार्म हाउस बनाने के मामले में कांग्रेस सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री के बेटे व अन्य पर सूरजकुंड थाने में केस दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि फार्म हाउस पुराना है और इसे कुछ समय पहले पूर्व मंत्री के बेटे ने खरीदा था। मंत्री परिवार पर आरोप है कि न केवल हरे पेड़ों को काटा गया बल्कि उसे जलाया भी गया और अवैध रूप से बोरवेल कर पानी का दोहन भी किया गया।
अरावली टास्क फोर्स टीम के वन दरोगा सोमदत्त वन रक्षक विजय कुमार व ड्राइवर हरदेव सिंह के साथ 10 मार्च को सूरजकुंड बीट एरिया में गश्त पर थे। टीम अनंगपुर चौक से डैथवैली के रास्ते पर गई। टीम को अनंगपुर पीएलपीए 1900 की धारा 4 व 5 के खसरा नंबर 58 में पुराने बने फार्म हाउस पर अवैध कब्जा दिखा। रास्ते से पेड़ों की कटाई दिखी। प्रारंभिक जांच में दिखा कि कुल 42 हरे पेड़ों को कटवाकर उसमें आग लगाई हुई थी। मिट्टी डलवाकर जेसीबी मशीन से लेवलिंग का काम चल रहा था।
फार्म हाऊस में अवैध बोरवेल भी किया
टीम को मौके पर ट्रैक्टर-ट्रॉली भी खड़े मिले। अवैध रूप से माइनिंग करवा कर गेट के साथ से पत्थरों का रास्ता बना कर अतिक्रमण किया है। इतना ही नहीं अवैध बोरवेल भी किया है। इस पर टीम ने पुलिस को सूचना दी। टीम ने फार्म हाउस में रह रहे मजदूर तिलक सिंह व उसकी पत्नी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यह फार्म हाउस विवेक प्रताप नामक व्यक्ति का है।
कांग्रेस सरकार में रहे मंत्री
आरोप है कि अवैध कब्जा करवाने में पूर्व मंत्री के बेटे विवेक प्रताप शामिल हैं। विवेक पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के बेटे हैं। महेंद्र प्रताप 5 बार विधायक और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे हैं। थाना सूरजकुंड प्रभारी बलराज सिंह का कहना है कि वन विभाग की ओर से मिली शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर दी है और विभाग से तमाम सबूत जुटाए जाएंगे। उसके आधार पर अगली कार्रवाई होगी।
मंत्री के बेटे पर ये हैं आरोप
अवैध रूप से पेड़ों की कटाई करवाना, अवैध माइनिंग, अवैध रूप से पेड़ों को आग लगाना, जमीन की लेवलिंग कराई गई। 11819 स्क्वॉयर मीटर वनक्षेत्र पर गैर-वानिकी कार्य को अंजाम दिया गया है। आपको बता दें वन विभाग ने एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली वन क्षेत्र से अवैध फार्म हाउस व बैंक्विट हॉल तोड़ने के नाम पर केवल खानापूर्ति की थी। टीम महज कुछ दीवार ढहा कर टीम वापस लौट आई। आज भी तोड़े गए फार्म हाउस पहले जैसे ही दिखाई दे रहे हैं। इन फार्म हाउसों की केवल चार दीवारी को ढहाया गया था। वन विभाग ने अरावली के अंदर तोड़फोड़ से निकलने वाला वेस्ट भी नहीं हटाया और न ही उस जमीन को वन का रूप दिया।
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