News Desk: जर्मनी और चीन के बाद अब ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत भारत में भी हाइड्रोजन ट्रेन का परिचालन किया जाएगा। दिसंबर 2023 तक ये ट्रेनें यात्रियों के लिए शुरू करने की तैयारी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुछ महीने पहले ही कहा था कि एक हाइड्रोजन ट्रेन तैयार है। यह ट्रेन पर्यावरण के अनुकूल होगी और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बिल्कुल भी नहीं करेगी।
वंदे मेट्रो के नाम से जाना जाएगा
आपको बता दें कि इन्हीं ट्रेनों को वंदे मेट्रो के नाम से जाना जाएगा। हाइड्रोजन ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है। हालांकि भारत में पटरियां इतनी स्पीड नहीं झेल सकती है इसलिए इन्हें कुछ कम गति पर चलाया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हरियाणा में सबसे पहले इसका ट्रायल रन किया जाएगा। यह ट्रायल रन सोनीपत और जींद के बीच होगा।
कहां-कहां चलाई जाएंगी
ट्रायल के बाद सबसे पहले इन ट्रेनों को हैरिटेज रूट पर चलाने की योजना है। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कालका शिमला, कांगड़ा घाटी और मारवाड़-देवगढ़ मडरिया जैसे रूट पर इनका परिचालन शुरू किया जा सकता है। ये ट्रेनें वायु प्रदूषण तो कम करती हैं, साथ ही आवाज भी बहुत कम करती हैं जिससे ध्वनि प्रदूषण से भी लड़ने में मदद होती है। इसके अलावा हाइड्रोजन को नेचुरल तरीके से बनाया जा सकता है।